पृथ्वीराज माफ़ करना .....प्लीज हे पृथ्वीराज हमें माफ करना। आप जब 12 वी शताब्दी में रणभूमि में लड़ें थे तो चौहान राजपूत राजा के रूप में ही निडरता , वीरता और बलिदान की महान परम्परा का निर्वाह किया होगा। आप बलिदान के 800 वर्ष तक तो राजपूत राजा के रूप में ही प्रातःकाल स्मरण किए जाते रहे। और आज अचानक ही राजपूत से हिंदू बना दिए गए। रण भूमि में राजपूत रहे पर सिनेमा में आते ही आप हिंदू बन गए। सिनेमा में जब शिवाजी मराठा रहे, बाजीराव ब्राह्मण रहे और सूरजमल जाट रहे तो आप हिंदू कैसे बन गए? और हम इतने नालायक है कि हमने हिंदू एकता के नाम पर आपकी विकृत पहचान को स्वीकार भी कर लिया। हिंदू होना गौरव की बात है पर क्षत्रिय या राजपूत की पहचान मिटाकर हिंदू होना एक शर्मनाक समझौता ही तो है। चंदबरदाई जैसा चारण कवि और आपका परम सखा भी अफ़सोस कर रहा होगा कि जिस वीर योद्धा को मैंने राजपूती आन-बान-शान याद दिलाकर युद्ध के लिए तैयार किय...