Only waar:~ क्षत्रिय का धर्म कर्म युद्ध करना , धर्म की रक्षा करना है , चाहे हजार के सामने लाख क्यो न हो , क्षत्रिय कभी भी अपना पग नही डगमगाता , हजारो लाखो युद्ध किये क्षत्रियो ने अपनी मातृभूमि के लिए , फिर क्यो हारा हुआ बताया , पर हम दूसरों को गलत नही कह सकते , क्योकि कही न कही गलती हमारी भी है , सनातन धर्म की अखंडता के लिए , पन्नाधाय खींची , राणा पुंजा जी सोलंकी , एक को गुजरी , एक भील घोषित करना ही हमारी गलती है , इसलिए आज रजपूती की कोई पहचान नही है , और यही कारण है , की आज हमारे महापुरुषों पर उंगली उठाई जा रही हैं , बस बस अब बस ,युद्ध केवल युद्ध होगा जब तक आपकी चुप्पी है , जब तक आप पर आपके महापुरुषों पर उंगली उठेंगी , अब समय आ गया है , युद्ध तलवारो की जगह राजनीति एवं कूटनीति से लड़ना है , समय के साथ बदलो मेरे भाईयो, आज इतिहास चोरो को बता देना है , कि रियासत गयी है , रजपूती संस्कार नही , ये हमारे खून थे है और रहेंगे , Jai भवानी