में अभिमन्यु हु Rawla Banna


 में अभिमन्यु हु ,

जिसका सामर्थ्य बड़ा से बड़ा महारथी न डगा सकता , में वो अभिमन्यु हु ,

चकरविह्यू को भेदा मेने , महारथी के मान को तोड़ा मेने , में शस्त्र हीन होकर भी लड़ा ,

में बाल उम्र में अड़ा रहा है , में अभिमन्यु हु ,

में चंद्र पुत्र हु , में देवताओं का अंश हु , में पिताश्री अर्जुन का मान हु , 

में श्री कृष्ण का अभिमान हु , 

में महारथियों को शत्रु हु , में अभिमन्यु हु , में अभिमन्यु हु , 

में सूर्य के अंश , कर्ण को हटाऊँ पग से पीछे , में अपनी म्रत्यु स्वयं लिखू , में अभिमन्यू हु ,

मेरी मृत्यु पर छाये अँधियारा , मेरी मृत्यु पर गुर्राए आसमा सारा , मेरी म्रत्यु पर टूटे महारथियों का मान , में 10 - 10 महारथियों को भेद कर म्रत्यु को गले लगाऊ ,

में वीर अभिमन्यु हु , में वीर अभिमन्यु हु ,

Writer :- रावले बन्ना

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