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Maharana ji
सभी को मेरा प्रणाम तर तर करती धरती, धम धम करता आसमान, राणा का एक सिफाई , मुगलों के थे सैकड़ों, काट काट मुगलों को बचाया था हिनदुस्तान जिसने नाम नहीं जिसका कर्म कर गया भखन 80 किलो का भाला जिसका आया ना था जिसके सामने वो अखबर महान पता था उसको महाराणा का ये अंदाज केसरिया लिए हाथ में, विजय पताका वो लहराता था घोड़े समेत बहलोल के दो भाग जिसने कर डाले वो राणा प्रताप कहलाता था। हल्दी घाटी ने भी दिया जिसका साथ वो राणा प्रताप हमारा था, इंसानों की तो छोड़ो चेतक ने दिया बलिदान जिसके लिए वो राणा प्रताप हमारा था। जय महाराणा
ठिकाना रनारा इतिहास खिंची राजपूत
Ranara ठिकाना रनारा के सम्पूर्ण इतिहास की जानकारी को जानने से पूर्व हमे रनारा से जुड़ी हर कड़ियों का अध्ययन करना होगा !! Welcome in our blogpost "रनारा कहां स्थित है " मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचिपुर तहसील के छापीहेड़ा शहर से 4km दूर स्थित रनारा गांव हैं, ’जिसमे दांगी ( डांगी) लोग पहले से निवास करते थे जिन्हे दांगी पटेल से जाना जाता था जानकारी के अभाव में कुछ गलत तथ्य पेश करना ठीक नहीं होगा लेकिन जेसे ही तथ्य सामने आते है मैं आपके समक्ष जरुर पेश करूंगा इससे पूर्व आप इसका अध्यन जरूर करे,राजतंत्र रियासत कालीन समय में राजपुतो की यहा जागिरी थी’ जहां खींची राजाओं ने नींव रखी । इतिहास पर गौर फरमाए तो हम सीधे गड़ गागरोन की ओर पहुंचते है गड़ गागरोन का इतिहास दूसरे ब्लोग में दिया गया है वहा जाकर आप जरुर देखे गड़ गागरोन से खींची राजाओं ने अपनी रियासत खिलचिपुर को अपनी राजधानी बनाया खिलचीपुर की नींव महाराजा उग्रसेन जी ने 1544 में रखी और ओर किले का निर्माण करवाया समयानुसार रियासतकालीन राजाओं ने किले को आकर्षित बनाया खिलचीपुर के इतिहास के लिऐ भी नया ब्लॉग जल्द पोस्ट किया जाएगा । ह...
Jai Rajputana
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