पाबुजी राठौड़

राठौड़ वंश का कुलदीपक था , वो
राजा नही राजा का भतीजा था वो , 
वचन आन बान शान से प्यारा था ,
शादी के तीन ही हुए थे  फेरे ,
 पर शादी बीच गया वो शीश कटाने ,
 वचन उसको प्राणों से प्यारा था ,
 वो पाबूजी राठौड़ थे , वो पाबूजी राठौड़ थे ,

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