।। एक दिन सच्चे इतिहास का लेख सबको सुना के जाऊंगा ।।
में राजपूत हु रजपूती को जानता हूं ,
की में राजपूत हु रजपूती को जानता हूं ,
लिखे हुए जूठे इतिहास को मिटाना जानता हूं ,
फैलाई हुई जूठे इतिहास की हवा को थामना जानता हूं ,
में राजपूत हु रजपूती को जानता हु ,
में इतना मजबूत हु की , जूठे इतिहासकारो की जिव्वा को काट सकता हु
में राजपूत हु अपने संस्कारो को सर्वश्रेष्ठ मानता हूं ,
में राजपूत हु रजपूती को जानता हु
जो धरा के कण - कण को बेच कर अपनी पहचान बनाते है ,
वोट बैंक के लिए जूठा इतिहास जनता में बाटते है ,
अरे उनके लिए क्या मायने रखती है ये धरा
जो एक - एक टुकड़े को नीलाम करना जानते है ,
धरा प्रेम क्या होता है उन अभागो से पूछो
जिनके पूर्वजो ने सिर कटा दिए मातृभूमि के वास्ते
जिनके पूर्वजो ने सिर कटा दिए मातृभूमि के वास्ते,
जिनको आज तुमने आरक्षण की बेड़ियों में बांधा है
उनके ही त्याग से भारत एक कहलाया है ,
उनके ही त्याग से भारत एक कहलाया है ,
जहाँ आपार धन होने के बाद भी सिर कटाया है ,
आज उनके वंशजो से पूछते हो तुमने क्या कौशल दिखलाया है ,
अरे भूल गए हो त्याग बलिदान ,
अपनी माँ की कोख को लजाया है तुमने ,
महाराणा , भगतसिंह को नही
तुमने अकबर गांधी को महान बताया है ,
इतिहास दबाया है तुमने सच्चा
इतिहास जूठा दिखाया है ,
वीरो को पुत्र कायर को बाप बताया है ,
वीरो को पुत्र कायर को बाप बताया है ,
तुम वही हो जिन्होंने भारत पर दाग लगाया है ,
तुम वही हो जिन्होंने भारत पर दाग लगाया है ,
तुमने ही लुटेरो को देशीय ,
राजपुत्रो को विदेशी बताया है
जली है जो आग रजपूती की वो
अब नही थमेगी,
में राजपूत हु अपने वचनों को जानता हूं ,
एक दिन सच्चे इतिहास का लेख
सबको सुना के जाऊंगा ,
में राजपूत हु रजपूती को जानता हूं
में राजपूत हु रजपूती को जानता हूं ,
Writer ~ रावले बन्ना
Comments
Post a Comment